-शेख नईम
हम तो नहीं कहते कि भारत में हो रहे रेप और गैंग रेप सनातन धर्म या उसकी किताबों के कारण हैं क्योंकि अधिकतर इसी धर्म के लोग बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार हुए और सज़ा हुई। हम तो नहीं कहते कि लगभग भगवान का दर्जा पा चुके आसाराम बापू धर्म की आड़ में कथा सुनाकर छोटी-छोटी बच्चियों को भोगते रहे तो यह सनातन धर्म के वेद पुराण का असर है। हम तो नहीं कहते कि बच्चों को चीरकर फेफड़ा गुर्दा दिल खाने वाला सुरेंद्र कोली और पंढेर अपने धर्म से प्रेरित होकर ऐसा करते हैं। हम तो नहीं कहते कि हिसार का रामपाल देश की व्यवस्था को इसलिए 10 दिनों तक चुनौती देता है कि उसका धर्म और किताबें उसे ऐसा करने को कहती हैं।
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हम तो नहीं कहते कि दिल्ली में एक भव्य मंदिर बनाकर उसके तहखाने से सेक्स रैकेट चलाने वाला राजीव रंजन द्विवेदी उर्फ भीमानंद वही कर रहा था जो उसका धर्म कहता है, इसलिए सनातन धर्म बलात्कार और अनैतिक सैक्स को बढ़ावा देता है। हम तो नहीं कहते कि उड़ीसा का महामंडलेश्वर नित्यानंद स्वामी अपनी शिष्याओं के साथ रंगरलियां सनातन धर्म के अनुसार मना रहे थे।
हम तो नहीं कहते कि कर्नल पुरोहित, असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा, दयानंद पांडे इत्यादि इत्यादि ने सनातन धर्म और उसके वेद पुराणों से प्रेरित होकर ऐसा किया। हम तो नहीं कहते कि गुजरात से दादरी तक सब सनातन धर्म से प्रेरित होकर किया गया। और ऐसा है भी नहीं क्योंकि कोई धर्म ऐसा करने को नहीं कहता। फिर? आतंकवादियों के कुकर्मों को हमारे धर्म का कारण बताकर इस्लाम, कुरआन और हम जैसों को गालियाँ क्यों?
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सीधी सी बात है कि जिसने किया उसकी आलोचना करो। जो ऐसी घटना हुई उसकी निन्दा करो, धिक्कारो, लानत भेजो, पर ऐसे अवसर का उपयोग ज़हर फैलाने के लिए मत करो। ज़रा सोचो कि 56 मुस्लिम देशों में से केवल 4 देशों में कत्लेआम क्यों है? केवल उन्हीं 4 देशों से आतंकवादी क्यों निकल रहे हैं? क्योंकि अमेरिका का सबसे अधिक अत्याचार इन्हीं चार देशों में हुआ है। 52 मुस्लिम राष्ट्र उसी इस्लाम धर्म को मानकर शांति से नहीं रह रहे हैं क्या? कहीं भी घटना होती है इस्लाम और मुसलमानों को गालियाँ देना शुरु कर देते हो। हद है। [अगर आप भी लिखना चाहते हैं कोई ऐसी चिट्ठी, जिसे दूसरों तक पहुंचना चाहिए, तो हमें लिख भेजें- merekhatt@gmail.com. हमसे फेसबुक, ट्विटर और गूगलप्लस पर भी जुड़ें]